ट्रेन का इंजन स्टार्ट होने में कितना डीजल खाता है? या ट्रेन का इंजन बंद क्यों नहीं करते?
भारत में रहने वालो मे अधिकतर लोगों ने ट्रेन से सफर जरूर किया होगा। रेलगाड़ी में लंबे से लंबा सफर का पता ही नही चलता। लेकिन क्या आप ने कभी यह सोचा है कि रेलगाड़ी मे हमारा किराया इतना कम क्यों लगता है। अगर हम वहीं सफ़र किसी बस या टैक्सी से करे तो सफर का खर्च दुगने से ज्यादा आ जाता है जबकि रेलगाड़ी से वही सफ़र का खर्च कम आता है।

इन सब सवालों के जवाब में कुछ ने आप से कहा होगी कि ट्रेन का ऐवरेज अधिक होता है। लेकिन हम आपसे कहते है जी नही, ट्रेन का ऐवरेज बहुत अधिक नही होता है। लेकिन एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन का ऐवरेज थोडा अलग होता है।
ट्रेन का इंजन बंद क्यों नहीं करते या ट्रेन का इंजन स्टार्ट होने में कितना डीजल खाता है।
आप लोगों ने एक बात पर जरूर ध्यान दिया होगा कि जब भी ट्रेन किसी स्टेशन पर रूकती है तो ट्रेन का ड्राइवर इंजन को बन्द नही करता है वो इसलिए कि ट्रेन के इंजन को बन्द करना आसान है लेकिन उसे चालू करने मे लगभग 25 लीटर डीजल पहले इंजन को चालू करने और दूसरे इंजन को 15 लीटर डीजल खर्च हो जाता है इसलिये हर स्टेशन पर ट्रेन के इंजन बन्द नही किये जाता | Read More – ओके का पूरा नाम क्या है? या OK Full Form Kya Hai?
ट्रेन का माइलेज कितना होता है या ट्रेन 1 घंटे में कितना डीजल खाती है?
भारतीय रेलवे (Indian Railways) इस समय अधिकतर अपनी ट्रेनों में डीजल इंजन (Diesel Engine) का इस्तेमाल कर रहा है।
हम ट्रेन का माइलेज की बात करें तो यह कुछ बातों पर निर्भर करता है जैसे इंजन कितने पावर का है, उसे लाइन पर कितना ट्रैफिक मिल रहा है, वह कितना बोझ ढो रहा है, वह कैसे इलाके में चल रहा है आदि।
ट्रेन 1 घंटे में कितना डीजल खाती है?
अगर हम 12 डिब्बों वाली पैसेंजर ट्रेन को खींचने वाला डीजल इंजन (Diesel Engine) की बात करे तो यह 6 लीटर डीजल में 1 किलोमीटर चलती है। और 24 डिब्बों वाली पैसेंजर ट्रेन को खींचने वाला सुपरफास्ट डीजल इंजन (Diesel Engine) की बात करे तो वह भी 6 लीटर डीजल में 1 किलोमीटर का माइलेज देती हैं।
जबकि एक्सप्रेस 12 डिब्बों वाली गाड़ी 4.5 लीटर मे 1 किलोमीटर चलती है वो इसलिये क्योकि पैसेंजर ट्रेन हर स्टेशन पर रूकती है। जिस वजह से ब्रेक और स्पीड बढ़ाने व घटाने मे ज्यादा डीजल खर्च होता हैं।
इस कारण अब भारतीय रेलवे (Indian Railways) ज्यादातर ट्रेनें बिजली से चलनी वाली कर रही है ताकि आने वाले समय में ट्रेन का किराया और कम किया जा सके और उनका यह भी मक्सत हो सकता है कि वह पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोक रहे हो और कुछ सालो मे भारतीय रेलवे अपनी सारी ट्रेने बिजली से चलने वाली कर देगा |
मालगाड़ी खींचने वाले डीजल इंजन का माइलेज हो जाता है और भी कम क्योंकि जब वह मालगाड़ी सामान लेकर जाती है तो वजन ज्यादा होने की वजह से मालगाड़ी का इंजन माइलेज कम देता है।
ट्रेन की टंकी कितने लीटर की होती है?
भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ट्रेन की टंकी कितने लीटर की होती है? किसी भी परिक्षा पुंछा जा सकता है। तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेन की टंकी कई हजार लीटर की होती है। लगभग एक 12 से 24 डिब्बों वाली ट्रेन की टंकी में 5000 लीटर, 5500 लीटर और 6000 लीटर तक का डीजल आ सकता है।
रेल इंजन की कीमत कितनी होती हैं?
भारतीय रेलवे (Indian Railways) में अलग-अलग रेल इंजन की कीमत हो सकती है लेकिन अगर हम सामान्य रेल इंजन की कीमत के बारे में बात करें तो एक रेल इंजन की कीमत 24 से 26 करोड़ रुपए होती है। और उस रेल इंजन के डिब्बे 12 से 24 तक होते हैं जिसमें हर एक डिब्बे की कीमत लगभग दो करोड़ पर होती है अगर हम फुल रेल गाड़ी की कीमत की बात करें तो एक रेल गाड़ी 60 से 80 करोड़ रुपए के आस पास की होती है।